Himachal Update: पीडब्ल्यूडी के 12 अफसरों को भेजा नोटिस
अधिकारियों पर करियर बर्बाद करने का आरोप, कांगड़ा के अनसोली गांव निवासी एबी राजवंश ने पांच करोड़ की अदायगी मांगी,
धर्मशाला।
कांगड़ा जिला के एक व्यक्ति ने पीडब्ल्यूडी के 11 अफसरों को लीगल नोटिस भेजा है। जिला कांगड़ा मुख्यालय से महज 12 किमी की दूरी पर स्थित अनसोली गांव के रहने वाले एबी राजवंश ने अधिकारियों से पांच करोड़ रुपए की अदायगी मांगी है। दस पृष्ठ के नोटिस में ए.बी. राजबंश ने अपने करियर की बर्बादी के एवज में लोक निर्माण बिभाग और अन्य संबंधित लोक निर्माण विभाग सचिव के अतिरिक्त 11 (ग्याराह ) अधिकारियों को यह लीगल नोटिस प्रेषित किया है। उन्होंने अन्य समानतर वित्तीय लाभों के साथ 30/06/2018 से पेंशन की अदायगी इत्यादि हेतू भी लिखा है। इस नोटिस की प्रतिलिपियाँ सुखविंदर सुक्खू मुख्यमंत्री और विक्रमादित्य सिंह लोक निर्माण मंत्री हिमाचल प्रदेश को भी भेजी हैं। राजवंश ने मानवता के नाते हस्तक्षेप करके मामले को बिना आगामी मुकदमेबाजी के हल करने के निवेदन सहित प्रेषित की हैं। इसी नोटिस की प्रतिलिपियाँ बजरिया ई मेल महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राजयपाल हिमाचल और युवा नेता रघुवीर सिंह बाली, उपाध्यक्ष, टूरीज्म हिमाचल प्रदेश को इसी तर्ज पर व्यक्तिगत हस्तक्षेप हेतू निवेदन सहित प्रेषित की हैं।
इसके पीछे कहानी यह है कि हिमाचल प्रदेश, राज्य प्रशासनिक प्राधिकरण में, राजबंश के द्वारा दायर एक प्रकरण 3518/2016 बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार व अन्य में 17/04/2016 को प्रार्थी राजबंश के पक्ष में एक निर्णय हुआ था। निर्णय के अनुसार कनिष्ठ अभियंता मैकेनिकल की बैच भर्ती में जब से प्रार्थी की नियुक्ति विभाग में संभव है, से पूरे वारिष्ठता लाभ देने की बात कही गई थी। राज्य प्रशासनिक प्राधिकरण के फैसले के वक्त प्रार्थी की आयु 56 वर्ष पार थी, ती ऐसे में उसे एक वर्ष के करीब समय के लिये नियुक्ति बनती थी। विभाग ने नियुक्ति देने के स्थान पर इसी निर्णय के खिलाफ़ माननीय उच्च न्यायालय शिमला में एक अपील अंतर्गत सिविल रिट याचिका 2525/2017 दायर कर दी थी, जिसका फैसला दिनांक 05/01/2023 को प्रार्थी के पक्ष में ही आया। इस फैसले के अनुसार प्रार्थी वर्तमान में 62 बर्ष आयु( जन्म तिथी 26/06/1960 के आधार पर ) पार होने के दृष्टिगत बिभाग में नियुक्ति तो संभव नहीं है, लेकिन, राजबंश उचित समझे तो अपना मुआवजा लोक निर्माण विभाग से प्राप्त कर सकता है। वह अनुसूचित जाति और बीपीएल परिवार से भी संबंधित है। साथ ही राजबंश 80 के दशक से रोजगार कार्यालय में आज तक पंजीकृत चल रहा है लिहाजा उस बैच के नियुक्त उम्मीदवार के समान समस्त सेवा लाभों सहित उस की नियुक्ति बनती थी l उस बैच का एक उम्मीदवार 1/4/1998 से जूनियर इंजिनियर मैकेनिकल कार्यरत रहा है और प्रथम श्रेणी राजपत्रित पोस्ट सहायक अभियंता से सेवा निवृत हुआ है । हिमाचल के इतिहास में शायद ही ऐसा अकेला पहला मामला है जिसमें एक बेरोजगार व्यक्ति सरकार की व्यव्स्था से पीडि़त हो कर के इतने बड़े हर्जाने के लिये ऐसी कार्यवाही कर रहा है। इस बारे में लो नि बि के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। इस पर वह अभी ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं। यहाँ काबिले गौर है कि राजबंश की तरफ से इन दोनों कोर्ट प्रकारणों में, श्री अविनाश जरियाल, बकील उच्च न्यायलय शिमला के द्वारा पैरवी की गई है l