सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस व मेडिकल स्टोर खोलकर कूट रहे मोटी चांदी
काफी दिनों से चल रहा है यह काला बाजारी का धंधा लेकिन विभाग मौन

न्यूज़ अजब गजब (ब्यूरो) ज्वाली:-
जिला कांगड़ा के कुछेक इलाकों में जिसमें ज्वाली विधान सभा क्षेत्र का नाम भी सुर्खियों में है । जिसमें गुप्त सूत्रों के हवाले से पाया गया है कि डाक्टर सरकारी हॉस्पिटल में नोकरी पर कार्यरत है और हॉस्पिटल को छोड़कर यानी अपने अधिकार क्षेत्र को छोड़ कर अपने ही घरों में स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ताक में रखकर प्रैक्टिस व अपने करीबियों से मेडिकल स्टोर खोलकर मोटी चांदी कूटने में मशगूल है और विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद में लीन है । अपने ही मेडिकल स्टोर से अधिकतम मूल्य वाली दवाइयां ही दी जा रही है जबकि उनका वास्तविक मूल्य बहुत कम होता है लेकिन गांव की भोली भाली जनता को दवाइयों का वास्तविक मूल्य का ज्ञान न होने कारण खूब चूना लगाया जा रहा है ।
जिसपर बुद्धिजीवियों का कहना है कि डाक्टर द्वारा दी जाने वाली पर्ची पर मरीज का नाम व डाक्टर अपने हस्ताक्षर तक नहीं करता है जोकि संदेहजनक विषय है । अगर इस फर्जीवाड़े कारण कोई किसी के साथ अप्रिय घटना घटती है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा ।बुद्धिजीवी वर्ग ने कहा कि सुक्खू सरकार व विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बारे त्वरित संज्ञान लेना चाहिए ताकि उन डाक्टरों पर नकेल कसी जाए जो इस तरह के अवैध धंधों में लिप्त होकर सरकार को धोखा दे रहे है और भोली भाली जनता को लूट रहे है । ऐसे डाक्टरों पर सख्त से सख्त कानूनी करवाई अमल में लाई जाए । अगर सरकारी डाक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करनी है तो त्यागपत्र देकर कर सकते है अन्यथा वह अपने अधिकार क्षेत्र यानी 8 किलोमीटर के दायरे की सीमा रेखा को बिना परमिशन से नहीं लांग सकते ।या सरकारी डॉक्टर का गरीब लोगों की सेवा भाव का जज्बा है तो हॉस्पिटल में रहकर आठ घंटे की बजाय 12 घंटे निशुल्क मरीजों का इलाज करे ।
एसएमओ सतीश पॉल के बोल :-
एसएमओ नूरपुर सतीश पॉल ने बताया कि ऐसी मुझे कोई खबर न मिली केवल आपके माध्यम से पता चला है । शीघ्र ही इसकी गहनता से जांच पड़ताल करेंगे।
सीएमओ राजेश गुलेरी के बोल :—
धर्मशाला सीएमओ राजेश गुलेरी ने कहा फिलहाल ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है और अगर ऐसा कोई डाक्टर कर रहा है और पकड़ा जाता है तो इसे किसी भी सूरत बक्शा नहीं जाएगा । ध्यान रहे कि कोई भी सरकारी अधिकारी डाक्टर हो या अन्य मुलाजिम आठ किलोमीटर के दायरे से बिना परमिशन बाहर नहीं का सकता है । अगर कोई ऐसी हरकत करता पाया गया तो उसकी खैर नहीं ।