कांगड़ा कांग्रेस में पार्टी भितरघातियों की तलाश शुरू
विधानसभा और लोकसभा में वोटों की असमानता बनी सबसे बड़ी चर्चा

अपने ही बूथ पर पिछडऩे वाले कई पदाधिकारी राडार पर, जल्द होगी कारवाई
धर्मशाला, ब्यूरो (न्यूज अजब गजब):-
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के नतीजों के बाद बूथ दर बूथ की समीक्षा का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस पार्टी की टीम अब बूथों के मतदान के आंकड़ों का सर्वेक्षण करने में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि इन सर्वेक्षणों में यह भी सामने आ रहा है कि कई जगह दोनों की पार्टियों के पदाधिकारी निष्क्रय रहे हैं या फिर वे अपने बूथ पर भी अपने प्रत्याशी को बढ़त दिलाने में नाकामयाब रहे हैं। दोनों ही सियासी दलों की टीमें अब पार्टी भितरघातियों की तलाश में जुट गई है, ताकि आने वाले समय मेें ऐसे लोगों से समय रहते बचा जा सके। हालांकि ऐसा पहली दफा नहीं हो रहा है। इससेे पहले हुए चुनावों में भितरघात के मामले सामने आ चुके हैं।
धर्मशाला में 7 हजार वोटों की चर्चा
धर्मशाला में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने जीत दर्ज कर भगवा परचम लहरा दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के वाबजूद भाजपा प्रत्याशी की जीत का सेहरा कार्यकताओं के सिर ही बंधता है, लेकिन लोकसभा के मुकाबले विधानसभा में सात हजार मतों की असमानता चर्चा का विषय बनी है। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में 35 हजार वोट मिले तो विधानसभा में महज 28 हजार कैसे रह गए। यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पार्टी को नहीं पर्सनेलिटी को दिया वोट
शहर के कुछ प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी पार्टी की विचारधारा को ध्यान में रखकर नहीं वोट दिया, बल्कि विकास के नाम पर और पर्सनेलिटी का अपना मत दिया है। उनका कहना है कि जिस प्रत्याशी में विकास का विजन होगा, उसे जनता पार्टी विचारधारा से हटकर भी जिता देती है।
कैसे बढ़ गए तिब्बतियों के वोट
धर्मशाला उपचुनाव में निर्वासित तिब्बती लोगों के वोट बैंक में बहुत बढ़ोतरी हुई है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में तिब्बतियों के करीब 1500 वोट बने थे, लेकिन उपचुनाव में कुछ वार्डों में बाहरी लोगों व तिब्बती वोट बैंक में अचानक से बढ़ोतरी हुई है जो चर्चा का विषय बना है,जानकारी है कि करीब 5000 वोट बाहरी व तिब्बती लोगों का बनाया गया है।